महाराष्ट्र की जेलों में एक नई पहल शुरू की गई है जहां MBBS पास आउट युवाओं को ‘माइंडहंटर’ के रूप में नियुक्त किया गया है। इन माइंडहन्टर्स का मुख्य उद्देश्य है जेल में बंद सीरियल अपराधियों की मानसिकता और सोच को समझना।
इस नई पहल के तहत, MBBS वाले युवाओं को विशेष प्रशिक्षण दिया जाता है ताकि वे अपराधियों के विचार, भावनाएँ और उनके व्यवहार के पीछे के मनोवैज्ञानिक कारणों का विश्लेषण कर सकें। इसका उद्देश्य जेल की सुरक्षा बढ़ाना, अपराधियों के पुनर्वास में मदद करना और अपराध की जड़ तक पहुंचना है।
इस कार्यक्रम के प्रमुख बिंदु:
- MBBS पास आउटों की नियुक्ति माइंडहंटर के रूप में।
- बेहतर समझ के लिए अपराधियों की मानसिक स्थिति का अध्ययन।
- जेल सुरक्षा और अपराध नियंत्रण के लिए रणनीतियाँ बनाना।
- दुर्व्यवहार और फिर से अपराध करने की संभावना कम करना।
यह कदम महाराष्ट्र जेल विभाग की ओर से अपराधियों के पुनर्वास और जेल व्यवस्था को सुधारने की दिशा में एक महत्वपूर्ण प्रयास माना जा रहा है। इस पहल से भविष्य में अपराध नियंत्रण और जेल प्रशासन में सुधार की उम्मीदें बढ़ गई हैं।


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