मुंबई की चमकीली गलियों से दूर, फिल्म ‘आशिकी’ से रात भर स्टार बनीं अनु अग्रवाल ने हाल ही में फिल्म इंडस्ट्री की अनसुनी और हैरान करने वाली बातें साझा की हैं। जो राज पार्दे के पीछे छुपे होते हैं, वे कहीं फैंस तक नहीं पहुंच पाते। लेकिन अब अनु ने खुले दिल से कहा कि एक जमाना था जब बॉलीवुड के चमक-दमक के पीछे अंडरवर्ल्ड का साया गहरा था।
ग्लैमर की भारत दुनिया से दूर होकर संनिटस्कांत बन चुकीं अनु अग्रवाल ने पिंकविला को दिए इंटरव्यू में फिल्म इंडस्ट्री के गंदे रहस्यों का बेबाकी से उगल दिया। उन्होंने बताहते, “फिल्म इंडस्ट्री एक गंदी हमेशा थी। मुझे पता नहीं आज हमारी ये कितनी गंधी है क्योंकि मैं अब इस इंडस्ट्री का हिस्सा नहीं। अगर मैं वापस फिलम करूं तो मैं खुद आपसे हमें बताऊंगी कि अब कितना गंदा खेल चाल रहा है।”
इनकी बातें सुनकर यह जाना जाता है कि फिल्मों के पीछे का सच कितना अमिट और डरावना रहा होगा। अनु ने बताया कि उस समय दाऊद इब्राहिम और उसके गैंग का राज था, जो फिल्म इंडस्ट्री की पॉलिटिक्स और कमाई को पूरी तरह से नियंत्रित करता था। “फिल्मों में जो भी पैसा लगाया जाता था, वो सीधे अंडरवर्ल्ड से आता था। डीलें गुपचुप और गैरकानूनी तरीके से होती थीं। ये कोई फिल्मी कहानी, बल्कि सच्चाई थी,” अनु ने स्पष्ट रूप से कहा।
बॉलीवुड का इस डर्टी गेम के बारे में सुनकर फैंस की आंखें खुली की खुली हो जाती हैं। चमक-दमक के पीछे छिपा यह काला सच, शायद ही किसी ने सोचा होगा। अनु की बत्तिश से यह भी सुनकर पता चलता है कि फिल्मी सितारे बनने के लिए टैलेंट और मेहनत की ही नहीं, बल्कि उस दौर में इन दबंग और खतरनाक ताकतों का भी सामना करना पड़ता था।
इंटरव्यू में अनु ने अपने शुरुआती दिनों की भी यादें ताजा कीं। मुंबई जैसे बड़े शहर में मॉडलिंग करने के दौरान उन्हें अकेलेपन और संघर्ष का सामना करना पड़ा। “कई बार जब मैं किसी पीजी में रहने जाती थी, तो लोगों ने मेरे मुंह पर दरवाजा बंद कर दिया। लोग मुझसे पूछते थे ‘पापा कहाँ हैं?’ जब मैं कहती कि वो दिल्ली में हैं, लेकिन जैसे ही वे सुनते थे कि मैं मॉडलिंग करती हूं, तो उनका रवैया पूरी तरह बदल जाता था।”
यह सुनकर अंदाजा लगाना मुश्किल नहीं कि उस समय महिलाओं के लिए इंडस्ट्री में जगह बनाना कितना मुश्किल था। अकेलेपन, संघर्ष, और सामाजिक मान्यताओं के खिलाफ जंग लड़ती अनु ने अपने दम पर बॉलीवुड में कदम रखा।
अनु अग्रवाल ने बॉलीवुड में धमाकेदार पहली शुरुआत फिल्म ‘आशिकी’ से की थी, जो आज भी एक क्लासिक मानी जाती है। उनकी आवाज़, उनकी अदाकारी और उनकी खूबसूरती ने उन्हें तुरंत ही स्टार बना दिया था। लेकिन जिंदगी ने उनके साथ एक ऐसा खेल खेला, जिसकी कल्पना भी शायद कोई नहीं कर सकता था।
एक विशाल एक्सीडेंट 1999 में उनकी जिंदगी पूरी तरह बदल गई। अनु की याददाश्त चल गई, उनका शरीर पैरालाइज्ड हो गया, और उन्होंने करीब 29 दिनों के लिए कोमा का गुस्सा किया। इस दर्दनाक चरण के बाद अनु ने फिल्मों से दूरी बना ली और धर्म और अध्यात्म की ओर बढ़ी, संन्यासिनी बनीं।
उनका यह परिवर्तन लोगों को हैरान कर दिया। एक्सीडेंट के बाद उन्हें भी इतना चेहरा बदल गया कि पहली निगाह में उन्हें पहचानना मुश्किल हो गया। फिर भी, उनके प्रशंसक और बॉलीवुड के लोग उनके समर्थन में प्यार और सम्मान बनाए रखे।
फिल्मी दुनिया के चमकीले सितारों और उनकी जिंदगी के इस उलटफेर ने अनु अग्रवाल की कहानी को बेहद दिलचस्प और इंस्पायरिंग कर दिया है। उनके संघर्ष, साहस और सच बोलने की हिम्मत ने उन्हें सिर्फ एक अभिनेत्री नहीं, बल्कि एक सच्ची जंग जीतने वाली महिला बना दिया है।
फैंस और बॉलीवुड के लिए यह एक सवाल भी बन गया है कि आज की फिल्म इंडस्ट्री में क्या सच में बदलाव आया है? क्या वह काला साया अब भी मौजूद है या अनु की तरह ही कई सितारे अब इस दुनिया से दूर रहना चाहते हैं?
अनु अग्रवाल का यह इंटरव्यू बॉलीवुड के पर्दे के पीछे छिपे सच की एक झलक है, जो हर उस शख्स के लिए आंखें खोलने वाला है, जो सामन्यतः ग्लैमर और चमक तक ही सीमित रहकर इंडस्ट्री को समझने की कोशिश करता है।
तो यह सच है कि बॉलीवुड सिर्फ सपनों का घर है, पर एक खतरनाक खेल का मैदान भी? अनु अग्रवाल ने अपनी कहनम पर हमें इस रहस्य की कड़ी दिखाई है। अब यह हमारे ऊपर है कि हम इस ग्लैमरस विश्व के चमकते सितारों के पीछे छिपे सच्चे चेहरे को समझें।
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